“इस्राइल ने हमला कर बड़ी गलती की” आत्मसमर्पण से भी किया इनकार

दिल्ली। ईरान और इस्राइल में चल रहे संघर्ष के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने बुधवार को देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, इस्राइल ने ईरान पर हमला करके बड़ी गलती की है। इसके साथ उन्होंने ये भी कहा कि ईरान कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा। खामनेई ने इस्राइल को चेतावनी देते हुए कहा कि, इस्राइली शासन को यह जान लेना चाहिए कि हिट-एंड-रन का युग खत्म हो गया है। उन्हें उनके अपराध की सजा मिलेगी। इसके साथ ही उनकी ओर से कहा गया है कि ईरान आत्मसमर्पण नहीं करेगा। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार रात ईरानी को चेतावनी देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था। अयातुल्ला अली खामनेई ने मंगलवार और बुधवार को अपने बयानों में अमेरिका और इस्राइल को लेकर सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ईरान किसी भी ‘थोपी गई शांति या युद्ध’ को स्वीकार नहीं करेगा।

‘अमेरिका को भारी नुकसान होगा’
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ ईरान से ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए खामनेई ने कहा, ‘जो लोग ईरान के इतिहास को जानते हैं, वे जानते हैं कि धमकी की भाषा ईरानी जनता के लिए कभी काम नहीं करती। अमेरिका को पता होना चाहिए कि किसी भी सैन्य कार्रवाई का अंजाम अपूरणीय नुकसान के रूप में होगा।’

जायोनिस्टों के लिए कोई रहम नहीं- खामनेई
बुधवार को एक्स पर खामनेई ने लिखा, ‘हमें आतंकवादी जायोनिस्ट शासन को जोरदार जवाब देना होगा। जायोनिस्टों के लिए कोई रहम नहीं होगी।’ खामनेई का यह बयान तब आया जब ईरान ने इस्राइल की बमबारी के जवाब में मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें ईरान के मुताबिक हाइपरसोनिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल हुआ।

ट्रंप का बयान: ‘ईरान को झुकना होगा, खामनेई को हटाया जा सकता है’
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने एक चुनावी भाषण में कहा कि अमेरिका अगर चाहे तो ‘खामनेई को बड़ी आसानी से खत्म कर सकता है’ और यह भी कहा कि ‘ईरान को बिना शर्त झुकना होगा।’ इसके जवाब में खामनेई ने अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।

कतर को भेजा गया विशेष संदेश
इस तनाव के बीच, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कतर के अमीर को एक गोपनीय पत्र भेजा है। हालांकि पत्र की सामग्री सार्वजनिक नहीं की गई, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, परमाणु कूटनीति और इस्राइल-ईरान तनाव को लेकर बातें हो सकती हैं।

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