यमुना में आई बाढ़ से एक बार फिर 47 साल पुराने हालात बन रहे हैं। एक लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है। शहर में दयालबाग से जीवनी मंडी तक और यमुना पार में टेढ़ी बगिया से कछपुरा तक 50 से अधिक कॉलोनियों, मोहल्लों में पानी भर गया है।
सदर, एत्मादपुर, फतेहाबाद और बाह तहसील क्षेत्र में 60 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। पुलिस और प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सायरन बजाए। मुनादी कराकर निचले इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है। रविवार शाम सात बजे वाटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर 500.3 फीट था। यह बाढ़ के निशान से 1.3 फीट ऊपर है। 1978 में यमुना का जलस्तर 508 फीट तक पहुंच गया था। इसके बाद 2010 में यमुना का जलस्तर वाटर वर्क्स पर 499.6 फीट और 2023 में 499.3 फीट दर्ज किया गया था। बाढ़ नियंत्रण कक्ष प्रभारी चंचल मुंचल के अनुसार 1978 के बाद आगरा में यह यमुना का सर्वाधिक जलस्तर है।
राजश्री अपार्टमेंट सहित कई कॉलोनियां बंद
दयालबाग स्थित अमर विहार में राजश्री अपार्टमेंट में पानी भर गया। नालंदा टाउन, विकास अपार्टमेंट के अलावा खासपुर में मां गौरी टाउन डूब गया। जगनपुर, सिकंदरपुर, मनोहरपुर, नगला तल्फी में रास्तों में पानी है। बल्केश्वर में अनुराग नगर, लोहिया नगर में पानी भरा है। रामबाग बस्ती में बाढ़ से 50 परिवार विस्थापित हुए हैं जिन्हें गांधी स्मारक स्थित राहत शिविर में रखा गया है। मोती महल में 250 परिवार प्रभावित हैं। उधर, कैलाश मंदिर के गर्भ गृह में पानी भर गया है। यहां 15 घर भी डूबे हैं।

यमुना –
मोक्षधाम डूबे, बंद हो सकता विद्युत शवदाह गृह
ताजगंज में मोक्षधाम डूब गया है। वहीं विद्युत शवदाह गृह के करीब पानी पहुंच गया है। सिर्फ कुछ इंच नीचे ही पानी है। अगर जलस्तर और बढ़ा तो विद्युत शवदाह गृह भी बंद हो जाएगा। श्री क्षेत्र बजाजा कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार जिंदल, महामंत्री राजीव अग्रवाल, उपाध्यक्ष विष्णु गर्ग, विद्युत शवदाह गृह के प्रबंधक संजीव गुप्ता और मोक्षधाम प्रबंधक मनोज शर्मा ने निरीक्षण कर प्रशासन से व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने की मांग की। वहीं पोइया घाट मोक्षधाम में चार फीट तक पानी भरा है। दाह संस्कार में लोगों को परेशानी हो रही है।

हालात का जायजा लेने दौड़े मंत्री, विधायक व अफसर
हालात का जायजा लेने दौड़े मंत्री, विधायक व अफसर
विकराल रूप धारण कर चुकी यमुना की बाढ़ से प्रभावित लोगों के हालात और इंतजामों का जायजा लेने के लिए रविवार को कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय विजय नगर पहुंचे। यहां बाढ़ राहत शिविर में लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा। फिर जीवनी मंडी स्थित कृष्णा नगर में बाढ़ का जायजा लिया। एत्मादपुर विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह और डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने मोती महल, बगीचा घाट, गढ़ी चांदनी और कछपुरा में बाढ़ के हालात देखे। उधर, बरौली गुर्जर, तनोरा नूरपुर, माजरा बुर्ज में बाढ़ प्रभावित 100 परिवारों को सूरवीर चाहर और यशपाल राणा ने राहत सामग्री वितरित कराई।

ताज व्यू प्वाइंट डूबा, महताब बाग में भरा पानी
ताज व्यू प्वाइंट डूबा, महताब बाग में भरा पानी
यमुना किनारे बने संरक्षित स्मारक भी बाढ़ की चपेट से नहीं बच सके। 47 साल बाद ताजमहल के पीछे की दीवार तक पानी पहुंच गया। दशहरा घाट, ताज व्यू प्वाइंट डूब गए हैं। महताब बाग में पानी भरा है। एत्माउद्दौला स्मारक के यमुना किनारे बने 12 कमरों में सात फीट पानी भरा है। ग्यारह सीढ़ी स्मारक की दीवार तक पानी है। जोहरा बाग पानी में डूब चुका है। रामबाग व अन्य स्मारक में बाढ़ से सीलन आ सकती है।

यमुूना का पानी
दो दिन और बढ़ेगा जलस्तर
बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के अनुसार अगले दो दिन यानी मंगलवार तक जलस्तर और बढ़ेगा। रविवार शाम को मथुरा स्थित गोकुल बैराज से 1.56 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है। बैराज के सभी गेट खुले हुए हैं। यह पानी दो दिन में आगरा पहुंच जाएगा। ओखला बैराज से 1.09 लाख क्यूसेक और हथिनीकुंड से 55 हजार क्यूसेक पानी यमुना में प्रवाहित हो रहा है।

कॉलोनी में पहुंचा यमुना का पानी
लोगों को किया जा रहा जागरूक
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि यमुना किनारे बसे इलाकों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। निचले इलाके खाली कराए गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है। शहर में 17 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं जिनमें करीब पांच हजार लोगों की व्यवस्था है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है।