Thu. Sep 11th, 2025

दिल्ली।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर अपनी इच्छा को सोशल मीडिया के माध्यम से जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर पोस्ट कर कहा कि उन्होंने दुनिया में कई बड़े शांति प्रयास किए हैं, लेकिन फिर भी उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।

चाहे कुछ भी कर लूं, मुझे नहीं मिलेगा…
ट्रंप ने अपने पोस्ट में लिखा कि मैंने कांगो और रवांडा के बीच समझौता करवाया, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका, सर्बिया और कोसोवो के बीच शांति लाई, मिस्र और इथियोपिया के बीच टकराव रोका और मिडिल ईस्ट में अब्राहम समझौते किए। फिर भी मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। उन्होंने आगे लिखा कि अगर सब कुछ सही चला, तो अब्राहम समझौते में और देश भी जुड़ेंगे और मिडिल ईस्ट पहली बार एकजुट हो पाएगा। ट्रंप ने यह भी कहा कि चाहे वो रूस-यूक्रेन या इस्राइल-ईरान जैसे बड़े मुद्दों को भी सुलझा लें, तब भी उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि मैंने क्या किया है और मेरे लिए वही सबसे ज्यादा मायने रखता है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब नोबेल पुरस्कारों को लेकर वैश्विक बहस जारी है कि किसे और क्यों दिया जाता है।

ईरान के मुद्दे पर ट्रंप ने अपनी ही खुफिया एजेंसी को बताया गलत
वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान के परमाणु हथियार को लेकर उनकी खुफिया एजेंसी की जानकारी गलत है। पत्रकारों ने ट्रंप से इस पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि तो मेरी खुफिया एजेंसी गलत है। जब बताया गया कि ये बात तुलसी गबार्ड ने कही है, तो ट्रंप ने साफ कहा, वो गलत हैं। बता दें कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी की प्रमुख तुलसी गबार्ड ने मार्च में संसद में बताया था कि अमेरिका की एजेंसियों के मुताबिक ईरान ने अब तक परमाणु बम बनाने का कोई फैसला नहीं किया है। बता दें कि हाल ही में ट्रंप के साथ लंच करने व्हाइट हाउस गए पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने भी ट्रंप को नोबेल दिए जाने का समर्थन किया था। इसी बीच पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से भी ट्रंप को नामित कर दिया है, ऐसी खबरें सामने आई हैं।

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