गंगा-यमुना की बाढ़ में बहकर प्रयागराज पहुंचा तेंदुआ अभी तक वन विभाग की पकड़ में नहीं आ सका है। मंगलवार से सरायइनायत और झूंसी के कछारी इलाकों में भ्रमण कर रहा तेंदुआ शनिवार को सुबह हनुमानगंज इलाके के मलखानपुर धनैचा गांव में देखा गया। तेंदुआ के पैर के निशान खेतों में पाए गए। खेतों की ओर गए दो ग्रामीणों पर तेंदुआ ने हमला बोल दिया। हमले में दोनों युवक बाल-बाल बच गए। गांव में तेंदुआ आने की सूचना पर भीड़ जमा हो गई। शोरगुल के बाद तेंदुआ एक बाजरे खेत में घुस गया है। खेत के चारों तरफ ग्रामीण और वन विभाग के लोग रस्सी, जाल और लाठी-डंडा लेकर पहरा दे रहे हैं।
पदचिन्ह देखकर मची दहशत
मलखानपुर धनैचा गांव में तेंदुआ का पदचिन्ह देखकर शनिवार को सुबह दहशत फैल गई। गांव के कुछ लोग सुबह खेतों की ओर गए थे। उनके ऊपर तेंदुआ ने अचानक हमला बोल दिया। इसके बाद ग्रामीणोंकी भीड़ जमा है। बाजरे के खेत में छिपे तेंदुआ को निकालने का प्रयास चल रहा है।
हनुमानगंज में बाढ़ में बहकर आया तेंदुआ, ग्रामीणों के शोर मचाने पर पेड़ पर चढ़ा
सराय इनायत थाना क्षेत्र के हनुमानगंज इलाके के ताला कछार में मंगलवार की सुबह तेंदुए के आने से खलबली मच गई थी। बाढ़ में बहकर आया तेंदुआ ग्रामीणों को देखकर कछार में एक पेड़ के ऊपर चढ़कर बैठ गया था। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम रेस्क्यू करने में जुटी रही लेकिन सफलता नहीं मिली।कछार में गंगा की दो धाराओं के बीच टापू पर दक्षिणी कोटवा गांव के कुछ युवक नाव से बाढ़ में फंसे अपने मवेशियों को निकालने गए थे। इसी बीच युवकों की नजर टापू पर बैठे तेंदुए पर पड़ी। इसके बाद उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया जिस पर तेंदुआ पास के एक पेड़ पर चढ़कर बैठ गया। ग्रामीणों की सूचना पर शाम को वन विभाग फूलपुर के क्षेत्राधिकारी लक्ष्मीकांत दुबे, वीरेंद्र सिंह, ब्रजेश सिंह मौके पर पहुंचे और तेंदुए को रेस्क्यू करने का प्रयास किया पर बाढ़ के चलते सफलता नहीं मिली। शनिवार को तेंदुआ यहां से चलकर हनुमानगंज के मलखानपुर धनैचा गांव में पहुंच गया है।