‘सिंदूर’ की तबाही पर बजट का मरहम: पाकिस्तान डूबा कर्ज में भारत देश का  मुकाबले कहां?

दिल्ली। पाकिस्तान ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान स्थिति आतंकी ठिकानों को भारी नुकसान हुआ। इसके बाद हुए संघर्ष में उसकी सेना के दर्जनभर बेस तबाह होने से पाकिस्तान भारी संकट से जूझ रहा है। ऐसे में शहबाज शरीफ सरकार ने रक्षा बजट में 20% की चौंकाने वाली बढ़ोतरी की है। चौंकाने वाली इसलिए, क्योंकि पाकिस्तान लगातार कर्ज और महंगाई की समस्या से जूझ रहा है। आईएमएफ, विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक से उसने कड़ी शर्तों पर कर्ज ले रखा है। इन शर्तों के चलते ही उसने अपने बजट में समग्र खर्च को 7 फीसदी तक घटाया है। लेकिन रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर दी है। ऐसे में यह जानना अहम है कि पाकिस्तान के रक्षा बजट के नए आंकड़े क्या कहते हैं और उसके इस फैसले की वजह क्या है, भारत के मुकाबले पाकिस्तान का रक्षा बजट कितना है? दोनों देशों की सेनाओं की क्षमता में कितना फर्क है आइये जानते हैं

क्या कहते हैं पाकिस्तान के बजट के नए आंकड़े-पाकिस्तान ने 2025-26 के लिए कुल बजट 17.57 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये तय किया है। भारत के लिहाज से देखें तो यह 5.30 लाख करोड़ रुपये के बराबर है। 2025-26 के लिए पाकिस्तान का रक्षा बजट 2 लाख 55 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपये कर दिया गया है। यह भारतीय रुपये में 77 हजार 344 करोड़ रुपये के बराबर है। पाकिस्तान ने जहां कुल आम बजट को 7 फीसदी घटाया है, तो वहीं रक्षा बजट में 20 फीसदी तक इजाफा किया है। इस तरह पाकिस्तान अब अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.97 फीसदी हिस्सा रखा बजट पर खर्च करता है। 2024-25 में यह खर्च जीडीपी का 1.70 प्रतिशत था। पाकिस्तान में पूर्व जवानों की पेंशन के लिए 1 लाख 5 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपये का खर्च तय है। यह पाकिस्तान के रक्षा बजट से अलग तय किया गया है। पाकिस्तान में सैन्य पेंशन का खर्च पूरे आम बजट का ही करीब 6 फीसदी है। अगर भारत के रक्षा बजट की तरह ही पाकिस्तान के रक्षा बजट+पेंशन का खर्च जोड़ा जाए तो यह 3.60 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये पहुंच (1.09 लाख करोड़ भारतीय रुपये के बराबर) जाता है। पाकिस्तान में शिक्षा और स्वास्थ्य पर जीडीपी का 1 फीसदी हिस्सा भी नहीं खर्च होता।

पाकिस्तान का रक्षा बजट बढ़ने की वजह क्या– भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमले की कोशिश की जिसके जवाब में भारत ने  पाकिस्तानी सेना के अहम एयरबेसों को भारी नुकसान पहुंचाया। पाकिस्तान के कई अहम सैन्य ठिकानों और उसकी रक्षा प्रणाली पूरी तरह तबाह हो गई। उसके इन्फ्रास्ट्रक्चर का जबरदस्त नुकसान हुआ है। इसका सबूत पाकिस्तान के रक्षा बजट में देखने को मिलता है, जिसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी जवानों और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े खर्चों में की गई है।

पाकिस्तान पर कितना कर्ज है- पाकिस्तान किस कदर कर्ज के बोझ में दबा है, इसका अंदाजा शहबाज सरकार की ओर से जारी हालिया आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से लग जाता है। 2024-25 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक, इस्लामाबाद ने पिछले साल 7.8 अरब डॉलर (करीब 2.20 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये) विदेश से हासिल किए गए कर्ज की देनदारी में चुकाए। अगर इसकी तुलना की जाए तो पाकिस्तान ने जितना 2024-25 में कर्ज की किस्त में चुकाया, वह उसके रक्षा बजट (2.12 लाख करोड़ PKR) से भी ज्यादा था। एक लिहाज से देखें तो पाकिस्तान एक साल की कर्ज की किस्त चुकाने में ही जीडीपी का 1.9 फीसदी हिस्सा खर्च कर रहा है।

यह चिंता की बात इसलिए हो जाती है, क्योंकि पाकिस्तान का कुल सार्वजनिक कर्ज अब 76 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये (करीब 269 अरब डॉलर) हो चुका है, जो कि 2020-21 के  39 लाख 86 हजार करोड़ रुपये से लगभग दोगुना है। पाकिस्तान के विदेश से लिए गए कर्ज को लेकर जो डाटा उपलब्ध है, उसके मुताबिक 87.4 अरब डॉलर (24.65 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये) का कर्ज उसने अलग-अलग देशों और आईएमएफ, विश्व बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों से लिया है। इनमें चीन का कर्ज करीब 15 अरब डॉलर (4 लाख 23 हजार करोड़ PKR) है, जो किसी देश से लिया सबसे ज्यादा कर्ज है। इसके बाद जापान से तीन अरब डॉलर (करीब 84 हजार 589 करोड़ PKR) और फ्रांस से एक अरब डॉलर (करीब 28 हजार करोड़ PKR) का कर्ज लिया गया है। 

भारत और पाकिस्तान के रक्षा बजट में क्या तुलना-वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पाकिस्तान का रक्षा बजट 2.55 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये (77 हजार 344 करोड़ भारतीय रुपये के बराबर) है। इस बड़े रक्षा बजट के बावजूद पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली पूरी तरह ध्वस्त हो गई। भारत में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा क्षेत्र के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपए (करीब 78.7 अरब डॉलर) आवंटित किए गए, जिसमें सेना के आधुनिकीकरण के लिए 1.8 लाख करोड़ रुपए शामिल हैं। भारत का रक्षा बजट 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी का करीब 1.9 प्रतिशत है। भारत का आम बजट इस साल 1 फरवरी को पेश हुआ था। इसका समग्र आकार 50.65 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस लिहाज से देखा जाए तो भारत का रक्षा बजट (6.81 लाख करोड़ रुपये) पाकिस्तान के (1.09 लाख करोड़ भारतीय रुपये के बराबर) के मुकाबले करीब 6.24 गुना ज्यादा है।

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