Sat. Aug 2nd, 2025

आगरा। धर्मांतरण गिरोह का आतंकी कनेक्शन भी पुलिस को पता चला है। अभी तक की जांच के बाद 50 से अधिक लोग रडार पर हैं। पकड़े गए आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले जा रहे हैं। उनके मोबाइलों में कई वीडियो मिले हैं। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर इन वीडियो को शेयर किया जाता था। कुछ वीडियो भड़काऊ हैं। इसमें देश के लोगों में जहर घोलने की साजिश की पुष्टि हो रही है। इससे पुलिस भी सकते में हैं। कनाडा में रहने वाला सैय्यद दाऊद गोवा की आयशा को फंडिंग करता था। धर्मांतरण गिरोह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूरे नेटवर्क की पड़ताल में लगी है। पुलिस को कई वीडियो मिले हैं। इनमें कुछ देश के लिए विरोधी बातें करने वाले हैं। पुलिस के अनुसार, एक वीडियो में राम मंदिर का उद्घाटन दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर में जा रहे हैं। वह सीढ़ियों पर प्रणाम करते हैं। इसी वीडियो में दूसरा सीन भी आता है, जिसमें ताजमहल दिख रहा है।

पीछे से एक वायस चल रही हैं। इसमें सुना जा सकता है कि ये तारीख है इस्लामी ये रिश्ते जोड़ने होंगे। बहुत से बन चुके हैं सोमनाथ अब तोड़ने होंगे आदि कई सारी बातें बोली जा रही हैं। इसके अलावा भी कई वीडियो हैं, जिनमें विशेष रूप से लोगों को देश के खिलाफ भड़काने की साजिश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि धर्मांतरण करने वालों को इसी तरह के वीडियो दिखाकर अपने पक्ष में गिरोह कर रहा था। एक बार कोई शामिल हो आ जाता था तो वह फिर वापस नहीं चला जाए, इसके लिए काम, घर और पैसा सारी जरूरतों को पूरा कर दिया जाता था। सिर्फ युवतियां ही नहीं, युवक भी धर्मांतरण में शामिल रहते थे। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि वीडियो देखे जा रहे हैं।

यह कब और कहां बनाए गए हैं? इसकी पड़ताल के लिए टीम लगी है। आरोपियों ने धर्म परिवर्तन को घर वापसी नाम दिया हुआ था। इसका कार्ड वर्ड रिवर्ट होता था। जो भी हिंदू से मुस्लिम धर्म अपनाता था, उसे रिवर्ट कहा जाता था। ऐसे लोगों को बताया जाता था कि उम्मत के लिए उसे भी किसी न किसी को रिवर्ट करना होगा। उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रिवर्ट कराना होगा। धर्मांतरण के लिए जिन युवक और युवतियों को निशाना बनाया जाता था, उनका ब्रेनवॉश करने के लिए कई लोग काम करते थे। पहले मिलकर धर्मविशेष के बारे में बताया जाता था। इतने से भी बात नहीं बनती थी तो वीडियो दिखाए जाते थे। वीडियो बनाने वालों से फोन पर बात कराई जाती थी।

दो सगी बहनों के मामले में भी ऐसा ही हुआ था। पहले खंदारी की कोचिंग में बड़ी बहन से कश्मीरी युवती ने दोस्ती की थी। इसके बाद सराय ख्वाजा के रहमान के चैनल से जोड़ दिया गया था। युवतियों को एक जगह पर ले जाकर घर में रखा जाता था। उन्हें महीनों तक कोई काम नहीं करना पड़ता था। इसके बाद उनका निकाह ऐसे युवकों से कराया जाता था, जो पहले कभी हिंदू थे। उन्होंने भी अपना धर्म परिवर्तन किया होता है। धर्मांतरण के बाद पांच वक्त की नमाज पढ़नी होती थी। पूरा खर्च विदेश से मिल रही फंडिंग से होता था।

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